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south africa vs new zealand: 7 बार क्यों हारी यह टीम?

South Africa vs new Zealand: आज है सेमीफ़ाइनल

क्रिकेट की दुनिया में न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के बीच मुकाबला हमेशा रोमांचक और यादगार रहा है। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के दूसरे सेमीफाइनल में दोनों टीमें लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में आमने-सामने हैं। यह मुकाबला सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि क्रिकेट की दो ताकतवर टीमों की प्रतिष्ठा का सवाल भी है।

पिछले रिकॉर्ड और इतिहास

न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के बीच आईसीसी टूर्नामेंट में हमेशा कड़ा मुकाबला देखने को मिला है। अगर आंकड़ों की बात करें, तो इन दोनों टीमों के बीच हुए 11 मुकाबलों में न्यूजीलैंड को 7 बार और साउथ अफ्रीका को 4 बार जीत मिली है। हालांकि, नॉकआउट मैचों में न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी रहा है।

2011 के विश्व कप क्वार्टरफाइनल में न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को हराया था। 2015 के विश्व कप सेमीफाइनल में भी न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को रोमांचक मुकाबले में हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। ऐसे में इस बार साउथ अफ्रीका बदला लेने के इरादे से मैदान में उतरा है।

South Africa vs new Zealand:टीमों की ताकत और कमजोरियां

न्यूजीलैंड ताकत:

1. अनुभवी बल्लेबाज: केन विलियमसन, डेवोन कॉनवे और टॉम लैथम टीम की बैटिंग को मजबूती देते हैं।

2. बेहतरीन ऑलराउंडर: मिचेल सैंटनर और डेरिल मिचेल गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।

3. गेंदबाजी आक्रमण: ट्रेंट बोल्ट, मैट हेनरी और लोकी फर्ग्यूसन की तेज गेंदबाजी किसी भी बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर सकती है।

 

कमजोरी:

1. न्यूजीलैंड के बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ संघर्ष करते हैं, और साउथ अफ्रीका के पास तबरेज़ शम्सी और केशव महाराज जैसे अच्छे स्पिनर हैं।

2. डेथ ओवर्स में गेंदबाजी कभी-कभी न्यूजीलैंड के लिए चिंता का विषय रही है।

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साउथ अफ्रीका ताकत:

1. मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप: टीम के पास एडन मार्कराम, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर और तेम्बा बावुमा जैसे खतरनाक बल्लेबाज हैं।

2. खतरनाक तेज गेंदबाज: कगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी और मार्को यानसेन किसी भी पिच पर घातक साबित हो सकते हैं।

3. फिनिशर: डेविड मिलर मैच का रुख पलटने की क्षमता रखते हैं।

कमजोरी:

1. दबाव में आकर साउथ अफ्रीका की टीम कई बार नॉकआउट मुकाबलों में हार चुकी है, जिसे ‘चोकर्स टैग’ कहा जाता है।

2. न्यूजीलैंड के स्विंग गेंदबाजों के सामने ओपनिंग जोड़ी अक्सर कमजोर साबित हुई है।

मैच की रणनीति न्यूजीलैंड के लिए:

अगर वे पहले बल्लेबाजी करते हैं, तो टॉप ऑर्डर को संभलकर खेलना होगा और बड़ा स्कोर खड़ा करना होगा।

गेंदबाजी में ट्रेंट बोल्ट और फर्ग्यूसन को नई गेंद से जल्दी विकेट निकालने होंगे।

मध्यक्रम में डेरिल मिचेल और टॉम लैथम को जिम्मेदारी से खेलना होगा।

साउथ अफ्रीका के लिए:

तेज शुरुआत देने के लिए बावुमा और मार्कराम को आक्रामक बल्लेबाजी करनी होगी।

डेथ ओवर्स में मिलर और क्लासेन को तेजी से रन बनाने होंगे।

रबाडा और एनगिडी को न्यूजीलैंड के टॉप ऑर्डर को जल्दी आउट करने की कोशिश करनी होगी।

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South Africa vs new Zealand:पिच और मौसम का हाल

गद्दाफी स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल है, लेकिन रात के समय ओस गिरने की संभावना है, जिससे बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम को फायदा मिल सकता है। ऐसे में टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी करना पसंद कर सकती है।

मौसम विभाग के अनुसार बारिश की संभावना नहीं है, जिससे मैच पूरा होने की उम्मीद है।

कौन पड़ेगा किस पर भारी?

अगर हालिया फॉर्म की बात करें, तो साउथ अफ्रीका शानदार लय में है और उनकी बल्लेबाजी बेहद मजबूत है। हालांकि, न्यूजीलैंड का आईसीसी टूर्नामेंट में नॉकआउट मुकाबलों का अनुभव उन्हें बढ़त दिला सकता है।

संभावित विजेता: न्यूजीलैंड की टीम नॉकआउट मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन करती रही है, लेकिन इस बार साउथ अफ्रीका मजबूत दिख रही है। यह मुकाबला कांटे का होगा, और अंत में वही टीम जीतेगी जो दबाव को अच्छे से संभालेगी।

निष्कर्ष

यह सेमीफाइनल मुकाबला सिर्फ जीत-हार का नहीं, बल्कि दो टीमों के इतिहास और प्रतिष्ठा का भी सवाल है। साउथ अफ्रीका अपनी ‘चोकर्स’ की छवि को तोड़ना चाहेगा, जबकि न्यूजीलैंड एक और फाइनल में पहुंचने का सपना देख रहा है।

दोनों टीमों के पास जबरदस्त खिलाड़ी हैं, और यह मैच निश्चित रूप से क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार रहेगा।

 

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