आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली के शुभ त्योहार पर भारतीय नौसेना के जवानों के साथ त्यौहार मनाया। पीएम मोदी ने गोवा और करवार में INS विक्रांत पर नौसेना के जवानों के साथ मनाई दीपावली,जहाँ नौसैनिक के अधिकारियों और जवानों के साथ बातचीत की और कहा कि उन्हें नौसेना के जवानों के साथ दीपावली मनाने का सौभाग्य मिला।
प्रधानमंत्री का गोवा और करवार दौरा
हर बार की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपावली मनाने हमारे देश के वीर जवानों जवानों के पास चले गए।पीएम नरेंद्र मोदी दीपावली के अवसर पर गोवा और करवार पहुंचे। साथी उन्होंने भारतीय नौसेना देश और और स्टेशन का निरीक्षण किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दसवां वर्ष है जो उन्होंने अपना दीपावली जवानों के साथ मनाया है
INS विक्रांत पर दीपावली समारोह
आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कर्मियों के साथ दिवाली मनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह बड़े-बड़े शिप, हवा से भी तेज गति से चलने वाले हवाई जहाज, यह पनडुब्बियां, यह अपनी जगह पर है। लेकिन जो जज्बा आप में है न, वो उसको भी जानदार बना देता है। यह शिप भले ही लोहे के हों, लेकिन जब आप उस पर सवार होते हैं न, तब वो जांबाज जीवित सैन्य बन जाता है। मैं कल से आपके बीच हूं, एक-एक पल मैंने कुछ न कुछ सीखा है, कुछ न कुछ जाना है। जब दिल्ली से निकला था, तो मन करता था कि मैं भी इस पल को जी लूं।
नौसेना के जवानों के साथ संवाद
आगे मोदी जी ने कहा किआप लोगों का परिश्रम, आप लोगों की तपस्या, आप लोगों की साधना, आप लोगों का समर्पण, यह इतनी ऊंचाई पर है, इतनी ऊंचाई पर है कि मैं उसे जी नहीं पाया। लेकिन जान जरूर पाया हूं, जान सका हूं। मैं अंदाजा लगा सकता हूं कि इसे जीना कितना कठिन होगा। लेकिन जब आपसे निकट रहकर के आप की सांस को अनुभव कर रहा था, आपकी धड़कन को महसूस कर रहा था, आपकी आंखों की वो चमक को देख पा रहा था, तब मैं रात जब सोया, कल थोड़ा जल्दी सोया, जो कभी सोता नहीं हूं। शायद जल्दी सोने का कारण भी यह होगा कि आपको जब कल दिनभर देखा, तो भीतर जो संतोष का भाव था, वो नींद मेरी नहीं, संतोष की नींद थी।
सेना को बताया अपना परिवार
मोदी जी ने सेना को ही अपना परिवार बताया और कहा-दीपावली के पर्व में हर किसी को अपने परिवार के बीच दिवाली मनाने का मन करता है। मुझे भी मेरे परिवारजनों के बीच दिवाली मनाने की आदत हो गई है और इसलिए आप जो मेरे परिवारजन हैं न, उनके बीच मैं दिवाली मनाने चला जाता हूं, आप आपके बीच आया हूं और मैं भी यह दिवाली मेरे परिवारजनों के साथ मना रहा हूं और इसलिए यह दिवाली मेरे लिए खास हैं।
पाकिस्तान के नींद उड़ा दी आईएनएस विक्रांत ने
पाकिस्तान को दिखाया है ना मोदी जी ने कहा- हमारा आईएनएस विक्रांत आज आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया का बहुत बड़ा प्रतीक है। महासागर को चीरता हुआ, स्वदेशी आईएनएस विक्रांत भारत की सैन्य क्षमता का प्रतिबिंब है। अभी कुछ ही महीने पहले हमने देखा है, विक्रांत ने अपने नाम से ही पूरे पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ा दी थी। जिसका नाम ही दुश्मन के साहस का अंत कर दे, वो है आईएनएस विक्रांत।
ऑपरेशन सिंदूर पर की नौसेना की तारीफ
ऑपरेशन सिंदूर को याद करके मोदी जी ने नौसेना की तारीफ की जिसमें उन्होंने कहा- मैं इस अवसर पर हमारी सेनाओं को खासतौर पर सैल्यूट करना चाहता हूं। भारतीय नौसेना द्वारा पैदा किए, जो भय पैदा किया गया है। भारतीय वायुसेना द्वारा दिखाए गए अद्भुत कौशल ने, भारतीय सेना की जांबाजी ने, तीनों सेनाओं के जबरदस्त समन्वय ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को इतनी जल्दी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। और इसलिए साथियों, आज मैं फिर एक बार आईएनएस विक्रांत की इस पवित्र साधना स्थली से, पराक्रमी स्थली से, तीनों सेना के जांबाज जवानों को फिर एक बार सैल्यूट करता हूं।
भारत को बताया विश्व बंधु के रूप
मोदी जी ने पड़ोसी देश मैं आए हुए संकट काल को याद करते हुए कहा की- अफ्रीका से लेकर साउथ ईस्ट एशिया तक, आपदा के समय, विपत्ति के समय दुनिया भारत को विश्वबंधु के रूप में देखती है। 2014 में हमारे पड़ोसी देश मालदीव में पानी का संकट आया, हमने ऑपरेशन नीर चलाया। हमारी नेवी स्वच्छ पानी लेकर मालदीव पहुंची। 2017 में श्रीलंका में बाढ़ की विभीषिका आई, भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया। 2018 में इंडोनेशिया में सुनामी की तबाही आई, भारत राहत बचाव के कामों में इंडोशिया के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो गया। इसी तरह, म्यांमार में भूकंप से आया विनाश या फिर 2019 में मोज़ाम्बीक और 2020 में मेडागास्कर का संकट हो, भारत हर जगह सेवा की भावना से पहुंचा।
हमारी सेनाओं ने विदेशों में फंसे लोगों को सुरक्षित लाने के लिए भी समय-समय पर अभियान चलाए हैं। यमन से लेकर सुडान तक, जहां-जहां जरूरत पड़ी, आपके शौर्य और साहस ने दुनिया भर में रह रहे भारतीयों के भरोसे को बहुत मजबूत किया है, हमने हजारों विदेशी नागरिकों का भी जीवन बचाया है
देश नक्सली-माओवादी आतंक से मुक्ति
मोदी जी ने कहा कि- 2014 से पहले देश के करीब सवा सौ जिले माओवादी हिंसा की चपेट में थे, सवा सौ जिले और वो सवा सौ जिले पिछले 10 साल की मेहनत के कारण यह संख्या घटती गई, घटती गई, घटती गई। और अब सवा सौ से घटकर के सिर्फ 11 रह गई है 11 और 11 में भी जिसको थोड़ा अभी भी उनका प्रभाव नजर आ रहा है, वो संख्या तो सिर्फ 3 जिले बचे हैं, 125 में से सिर्फ 3, सौ से ज्यादा जिले माओवादी आतंक से पूरी तरह आज़ाद होकर पहली बार खुली हवा में सांस ले रहे हैं, शानदार दिवाली इस बार मना रहे हैं। करोड़ों लोग पीढ़ियों बाद पहली बार डर और खौफ से, उसके साये से निकलकर विकास की मुख्यधारा का हिस्सा बन रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
Read more:-