कैसे Jay shah 2025 बने भारतीय क्रिकेट के सबसे ताकतवर खिलाड़ी

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ICC

Jay Shah का परिचय:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को दुनिया का सबसे ताकतवर क्रिकेट बोर्ड माना जाता है। इसकी आर्थिक ताकत और वैश्विक प्रभाव के कारण, BCCI का संचालन किसी भी खेल संगठन के मुकाबले अधिक प्रभावशाली होता है। इसी बोर्ड के सचिव के रूप में जय शाह( jay shah) ने भारतीय क्रिकेट को एक नए स्तर पर पहुंचाने का काम किया है। 2019 में BCCI के सचिव बनने के बाद, उन्होंने क्रिकेट प्रशासन में कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिससे उनकी छवि एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरी।

जय शाह सिर्फ BCCI तक सीमित नहीं हैं। उन्हें एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) का अध्यक्ष भी बनाया गया, जहां उन्होंने एशियाई क्रिकेट को मजबूती देने का काम किया। उनका नेतृत्व भारत की क्रिकेट नीति को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।

जय शाह का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जय शाह का जन्म 22 सितंबर 1988 को गुजरात में हुआ। वे भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं। हालांकि, उनके क्रिकेट प्रशासन में प्रवेश को सिर्फ उनके पिता के राजनीतिक कद से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। जय शाह (jay shah) ने अपनी मेहनत, क्रिकेट प्रशासनिक कुशलता और व्यावसायिक दृष्टिकोण से अपनी अलग पहचान बनाई है।

शिक्षा के मामले में, जय शाह ने निरमा यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि, वे क्रिकेट खेल में रुचि नहीं रखते थे, लेकिन खेल प्रशासन में उनकी दिलचस्पी काफी गहरी थी। उनके बिजनेस और मैनेजमेंट स्किल्स ने उन्हें एक कुशल प्रशासक बनने में मदद की।

क्रिकेट प्रशासन में एंट्री

जय शाह (jay shah) की क्रिकेट प्रशासन में एंट्री 2009 में हुई, जब वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (GCA) से जुड़े। उस समय, GCA के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी थे और अमित शाह उपाध्यक्ष थे। जय शाह को संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।

GCA में रहते हुए, उन्होंने नरेंद्र मोदी स्टेडियम (पहले मोटेरा स्टेडियम) के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बनकर उभरा, जिसमें एक साथ 1.32 लाख दर्शक बैठ सकते हैं। इस स्टेडियम का निर्माण भारतीय क्रिकेट प्रशासन में उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

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BCCI में एंट्री और सचिव पद तक का सफर

जय शाह ने 2019 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव का पद संभाला। उनके साथ सौरव गांगुली अध्यक्ष और अरुण धूमल कोषाध्यक्ष बने। उनकी नियुक्ति के बाद, BCCI ने कई बड़े बदलाव और सुधार देखे।

BCCI सचिव के रूप में उनके कुछ प्रमुख निर्णयों में शामिल हैं:

1. भारतीय क्रिकेट का विस्तार

जय शाह के नेतृत्व में, BCCI ने भारतीय क्रिकेट के विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। घरेलू क्रिकेट के ढांचे को मजबूत करने, नए टूर्नामेंट शुरू करने और खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।

2. IPL का बढ़ता कद

IPL पहले से ही क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा टी20 टूर्नामेंट था, लेकिन जय शाह के कार्यकाल में यह और भी बड़ा ब्रांड बन गया। उनके कार्यकाल में IPL के मीडिया राइट्स रिकॉर्ड 48,390 करोड़ रुपये में बेचे गए, जिससे यह दुनिया के सबसे महंगे स्पोर्ट्स लीग में शामिल हो गया।

3. महिला क्रिकेट को बढ़ावा

जय शाह के नेतृत्व में महिला क्रिकेट को भी काफी बढ़ावा मिला। उन्होंने 2023 में महिला प्रीमियर लीग (WPL) की शुरुआत करवाई, जो महिला क्रिकेट के लिए एक क्रांतिकारी कदम था। WPL के पहले सीजन की सफलता ने महिला क्रिकेट को एक नई पहचान दी।

4. घरेलू क्रिकेट को मजबूत करना

जय शाह ने रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और अन्य घरेलू टूर्नामेंटों को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और पेशेवर बनाने के लिए कदम उठाए। उन्होंने खिलाड़ियों की वेतन वृद्धि और सुविधाओं में सुधार करने का भी काम किया।

5. भारत में ICC टूर्नामेंट्स की मेजबानी

जय शाह के नेतृत्व में भारत ने ICC T20 वर्ल्ड कप 2021, ICC वनडे वर्ल्ड कप 2023 और अन्य बड़े टूर्नामेंट्स की सफलतापूर्वक मेजबानी की। इससे भारत को वैश्विक क्रिकेट का एक प्रमुख केंद्र बनने में मदद मिली।

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एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष के रूप में भूमिका

BCCI सचिव बनने के बाद, 2021 में जय शाह( jay shah) को एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने एशियाई क्रिकेट को एक नई दिशा देने का काम किया।

1. एशिया कप का सफल आयोजन

जय शाह के कार्यकाल में एशिया कप 2022 और 2023 का आयोजन सफलतापूर्वक हुआ। हालांकि 2023 में भारत और पाकिस्तान के बीच राजनैतिक तनाव के कारण मेजबानी को लेकर विवाद हुआ, लेकिन जय शाह ने इसे शानदार तरीके से मैनेज किया।

2. उभरती टीमों को मौका देना

ACC अध्यक्ष के रूप में जय शाह ने नेपाल, यूएई और ओमान जैसी उभरती हुई टीमों को अधिक अवसर देने की नीति अपनाई। इससे एशियाई क्रिकेट का विकास तेज हुआ।

BCCI में लिए गए कुछ बड़े फैसले

1. BCCI और ICC के संबंधों को मजबूत करना

BCCI हमेशा से ICC में एक ताकतवर बोर्ड रहा है, लेकिन जय शाह के आने के बाद इसका प्रभाव और बढ़ गया। वे ICC की महत्वपूर्ण बैठकों में भारत की स्थिति को मजबूत करने में सफल रहे।

2. खिलाड़ियों के लिए नई नीति

जय शाह ने भारतीय क्रिकेटरों के लिए फिटनेस और अनुशासन पर अधिक जोर दिया। उन्होंने यो-यो टेस्ट और डेक्सा स्कैन जैसी नई फिटनेस टेस्टिंग तकनीकों को लागू किया।

3. आर्थिक रूप से BCCI को और मजबूत बनाना

उनके कार्यकाल में BCCI की कमाई में जबरदस्त वृद्धि हुई। IPL के नए मीडिया राइट्स सौदे, ICC टूर्नामेंट्स की मेजबानी और अन्य व्यावसायिक समझौतों ने BCCI को और भी आर्थिक रूप से ताकतवर बना दिया।

जय शाह की आलोचनाएं और विवाद

किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति की तरह, जय शाह भी विवादों से दूर नहीं रहे। उनके आलोचकों का मानना है कि वे अपने पिता अमित शाह(amit shah) के प्रभाव की वजह से इतनी ऊंचाई तक पहुंचे हैं। इसके अलावा, कुछ लोगों का कहना है कि BCCI में पारदर्शिता की कमी है और सभी फैसले केवल चंद लोगों द्वारा लिए जाते हैं।

2023 में भारत-पाकिस्तान एशिया कप विवाद के दौरान भी जय शाह की काफी आलोचना हुई। उन्होंने कहा था कि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी, जिससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के साथ विवाद बढ़ गया। हालांकि, अंततः टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल पर आयोजित किया गया।

भविष्य की योजनाएं और महत्वाकांक्षाएं

जय शाह अभी सिर्फ 36 साल के हैं, और उनके सामने भारतीय क्रिकेट को और ऊंचाइयों तक ले जाने की बड़ी जिम्मेदारी है। भविष्य में उनके सामने कुछ बड़े लक्ष्य हो सकते हैं:

1. भारत में 2025 चैंपियंस ट्रॉफी और 2028 ओलंपिक क्रिकेट आयोजन में भूमिका निभाना।

2. IPL को और बड़ा ब्रांड बनाना और विदेशी टीमों के साथ अधिक सहयोग बढ़ाना।

3. भारतीय क्रिकेट को ग्लोबल स्तर पर और प्रभावशाली बनाना।

 

निष्कर्ष

जय शाह (jay shah)ने भारतीय क्रिकेट को एक नया विजन दिया है। उनके नेतृत्व में BCCI ने ना सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूती पाई बल्कि भारतीय क्रिकेट को विश्व क्रिकेट में और ताकतवर बना दिया। आलोचनाओं और विवादों के बावजूद, वे क्रिकेट प्रशासन के क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली नामों में से एक बन चुके हैं।

क्या वे भविष्य में ICC अध्यक्ष बन सकते हैं? यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, वे भारतीय क्रिकेट के निर्विवाद ‘बादशाह’ बने हुए हैं।

 

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